ELSS Tax Saving: निवेश के एक तीर से दो निशाने- बढ़िया रिटर्न के साथ इनकम टैक्स छूट का डबल फायदा
ELSS Tax Savings: किसी भी फाइनेंशियल ईयर में 80C के सारे इंवेस्टमेंट पूरे नहीं होने पर आप ELSS में निवेश कर सकते हैं.
ELSS: इक्विटी म्यूचुअल फंड (MF) में निवेश पर टैक्स छूट मिलेगी? अक्सर लोग इस जवाब की तलाश में रहते हैं. लेकिन, सही मायने में इसका जवाब हां और ना दोनों है. क्योंकि, हर म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) से टैक्स नहीं बचेगा, लेकिन एक खास तरह के MF- इक्विटी लिंकड सेविंग स्कीम (ELSS) में निवेश करके आप टैक्स जरूर बचा सकते हैं. इस निवेश पर आपको इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक पर टैक्स छूट (Tax deduction) मिलती है. किसी भी फाइनेंशियल ईयर में 80C के सारे इंवेस्टमेंट पूरे नहीं होने पर आप ELSS में निवेश कर सकते हैं. अगर आपने अभी तक इस इंस्ट्रूमेंट को पोर्टफोलियो में शामिल नहीं किया है तो 1 अप्रैल 2022 से नए फाइनेंशियल ईयर (Financial Year) की प्लानिंग में इसे जरूर शामिल करें. इसमें निवेश पर डबल फायदा उठा सकते हैं.
ELSS में कैसे मिलता है डबल फायदा?
ELSS टैक्स सेविंग इक्विटी म्यूचुअल फंड है. इन फंड्स का 80 फीसदी निवेश इक्विटी- शेयर्स में होता है. म्यूचुअल फंड्स की तरह ही ELSS इंवेस्टमेंट पर भी आपको रिटर्न मिलता है. लेकिन, म्यूचुअल फंड इंवेस्टमेंट पर कोई टैक्स छूट नहीं होती. ELSS- साधारण म्यूचुअल फंड्स से अलग है. आप इस फंड में जितना पैसा लगाएंगे उस पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. चाहे आप SIP (छोटे-छोटे किस्त) करें या एकमुश्त रकम अदा करें, आप निवेश की रकम को अपने इनकम से कम करके 80C डिडक्शन का फायदा उठा सकते हैं.
लॉक-इन पीरियड का रखें ध्यान
टैक्स बचाने वाले ELSS फंड में 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर आप एक ही बार में Lump Sum निवेश करेंगे तो 3 साल के बाद आप इसे निकाल सकते हैं. लेकिन, अगर आप SIP के जरिए किस्तों में निवेश करेंगे तो हर SIP 3 साल के साइकिल में मैच्योर होगी. 3 साल के बाद हर एक महीने एक SIP मैच्योर होगी. अगर आपने ELSS में जनवरी 2020 में निवेश शुरू किया और हर महीने 5000 रुपए का निवेश करते हैं तो जनवरी 2020 की SIP जनवरी 2023 में रीडिम हो जाएगी. वहीं, फरवरी 2020 की SIP फरवरी 2023 में मैच्योर होगी.
LTCG बचाने के लिए अपनाएं ये स्ट्रैटेजी
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ELSS में तभी निवेश करें जब आपको उन पैसों की 5-7 साल तक कोई जरूरत न हो. इसे रिडीम करने के लिए आपकी स्ट्रैटेजी ये होनी चाहिए कि जब फंड के 4 साल पूरे हों तो पहले साल के पेमेंट को निकाल लीजिए. फिर 5वें साल में दूसरे साल का पैसा निकाल सकते हैं. इससे आप कैपिटल गेन टैक्स भी बचा पाएंगे. क्योंकि, अगर गेन्स 1 लाख से ज्यादा होगा तो 10% का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स भी देना होगा.
टैक्स छूट के लिए क्या करना होगा?
हर साल का स्टेटमेंट आफ पेमेंट दिखाना होगा कि आप ELSS में निवेश कर रहें हैं.
PPF से भी बेहतर निवेश क्यों है ELSS?
अक्सर ये सवाल भी पूछा जाता है कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) पूरी तरह टैक्स-फ्री है और ELSS में एक लाख रुपए से ज्यादा के गेन्स पर LTCG लगता है तो पीपीएफ बेहतर क्यों नहीं है. लेकिन, यहां समझना जरूरी है कि ELSS में एक तो PPF से बेहतर रिटर्न मिलता है. PPF पर फिलहाल 7.1% का ब्याज मिल रहा है और ELSS मार्केट लिंक्ड है, इसलिए बाजार के हिसाब से औसतन 10-12% रिटर्न मिलता है. वहीं, लॉक इन पीरियड के मामले में भी PPF में 15 साल का लंबा लॉक इन होता है. जबकि, ELSS में 3 साल के बाद कभी भी विड्रॉल कर सकते हैं.
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10:52 AM IST